Padma Vibhushan award to Bindeshwar Pathak, his wife Amola Pathak receiving the award from the President.
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सामाजिक कार्य के क्षेत्र में बिंदेश्वर पाठक (मरणोपरांत) को पद्म विभूषण से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार उनकी पत्नी अमोला पाठक ने ग्रहण किया है। सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक का 15 अगस्त 2023 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में निधन हो गया। 80 साल के डॉ. बिंदेश्वर पाठक पद्म भूषण से सम्मानित हो चुके थे। बिंदेश्वर पाठक का दुनियाभर में नाम डॉ. बिंदेश्वर पाठक उस समय सुलभ शौचालय की अवधारणा लेकर आए, जब अगड़ी जातियों के लिए बिहार में या यहां तक कि देश में भी इस क्षेत्र में आना दुश्वारियां भरा होता था। पाठक ने सुलभ शौचालय के जरिए खुले में शौच को खत्म करने की मुहिम शुरू की। सुलभ शौचालय की मैला टंकियों में जमा हुए मल से ऊर्जा उत्पादन शुरू करने के बाद वे दुनिया भर में सुर्खियों में आए थे। 11 अगस्त की शाम को पटना के कालिदास रंगालय में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बिंदेश्वर पाठक आए थे। बिंदेश्वर पाठक की मौत की खबर सुनकर पीएम मोदी भी हुए थे मर्माहत सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक की मौत 15 अगस्त 2023 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में हो गई। 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर पीएम मोदी का संबोधन समाप्केत हुआ, उसके कुछ ही घंटे बाद उन्हें डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक की मौत की खबर मिली, जिसके बाद पीएम काफी मर्माहत हो गये। मन की बात में की थी चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सरकार बनाते ही सबसे पहले स्वच्छता को मिशन बताया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात में डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक के संबंध में चर्चा करते हुए कहा था कि स्वच्छ भारत अभियान के क्रम में उन्हें बिहार की माटी के लाल डॉ. बिंदेश्वर पाठक से भी प्रेरणा मिली थी। पीएम मोदी ने कहा था कि डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने बिहार में भंगी मुक्ति आंदोलन से जुड़कर एक ऐसा अभियान चलाया, जिसने देश-विदेश में अलग पहचान बनाई। सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना के साथ पूरे देश में सुलभ स्वच्छता कॉम्पलेक्स बनाकर खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लिए पूरा देश उन्हें याद कर रहा है।